मुंबई : दायम स्कूल ऑफ म्युज़िक प्रेजेंट्स एक खूबसूरत म्यूजिकल नाइट का आयोजन मुम्बई के सेंट एंड्रू ऑडिटोरियम में किया गया। उस्ताद दायम अली कादरी खान साहब और उस्ताद साबरी खान साहब को ट्रिब्यूट पेश करने के लिए इस कार्यक्रम को किया गया जो भारी बारिश के बावजूद सफल रहा। उस्ताद मंसूर अली कादरी ने इसका बखूबी संचालन किया।
साथ ही यहां उस्ताद दायम अली खान अवार्ड से भी कई हस्तियों को सम्मानित किया गया। इस प्रोग्राम के प्रेजेंटर उस्ताद मंसूर अली कादरी ने यहां अपनी मौजूदगी से सबको प्रभावित किया। उस्ताद मंसूर अली कादरी के शिष्य पीयूष कश्यप भी यहां उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे
और स्टेज पर अपनी प्रतिभा का भी प्रदर्शन किया।
हज़रत सिबतैन न्याजी साहेब खास तौर पर यहां उपस्थित रहे, जिनके हाथों से लोगों को सम्मानित किया गया। सैफ नईम अली थिरकवा, मुस्कान मोदी, राघव कपूर और विदुषी मीता पंडित ने अपनी परफॉर्मेंस पेश की। इस प्रोग्राम के स्पॉन्सर्स में स्वर मंगल और आयुशक्ति का नाम उल्लेखनीय है।
द लिजेंड्री मेस्ट्रो ऑफ तबला उस्ताद फज़ल कुरैशी साहेब, उस्ताद सज्जाद अहमद खान, उस्ताद अखलाक खान, उस्ताद सारंगी सुल्तान कमाल साबरी, सिराज खान, मणि भारद्वाज, सुधाकर स्नेह, नफीस खान, विदुषी मीता पंडित, कादिर मुस्तफा, श्रविल वैद्या, रब्बानी खान, उस्ताद फारूक लतीफ खान, उस्ताद नफीस खान और आयुशक्ति के प्रतिनिधि को उस्ताद दायम अली खान अवार्ड से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उस्ताद मंसूर अली कादरी के शिष्य राघव कपूर और मुस्कान मोदी के अपकमिंग सॉन्ग का पोस्टर भी लॉन्च किया गया। उस्ताद मंसूर अली कादरी ने यहां कहा कि इतनी बरसात में और इतनी रात तक सैकड़ों लोगों ने इस म्यूजिकल नाइट का आनंद उठाया, इससे हम सब का हौसला बढ़ा है और आगे भी हम ऐसे कार्यक्रम का आयोजन करेंगे।
उस्ताद मंसूर अली कादरी ने आगे बताया कि फुरक्खाबाद घराना के प्रसिद्ध तबला वादक के नाम पर सम्मान देना हम सब के लिए गर्व का लम्हा है। उस्ताद दायम अली कादरी खान साहब शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में ऐसे दिग्गज रहे हैं, जिनकी कलात्मकता समय से परे है और एक अमिट छाप छोड़ती है। ऐसे ही एक उस्ताद थे दिवंगत उस्ताद दायम अली कादरी, एक ऐसे गुणी व्यक्ति जिनके संगीत की गूंज आत्मा की गहराइयों तक पहुंची और संगीतकारों की पीढ़ियों को प्रेरित किया। उनके नाम का अवार्ड हम गर्व से प्रस्तुत करते हैं।
यह पुरस्कार, यह सम्मान उनके उल्लेखनीय योगदान को श्रद्धांजलि देता है।
इसका नाम प्रसिद्ध उस्ताद दायम अली कादरी खान साहब के नाम पर रखा गया, जिन्होंने अपनी भाव-विभोर करने वाली प्रस्तुति और शास्त्रीय संगीत की पेचीदगियों पर अद्वितीय पकड़ रखते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इस पुरस्कार का उद्देश्य उनकी विरासत को याद करना और उनके जज़्बात को आगे बढ़ाना है। उस्ताद दायम
अली खान साहब की कलात्मक प्रतिभा और शास्त्रीय परंपराओं को संरक्षित करने के लिए उनका समर्पण उन्हें उत्कृष्टता का प्रतीक बनाता है और यह पुरस्कार उन्हें कायम रखने का प्रयास करता है।
प्रसिद्ध संगीतकारों, संगीत प्रेमियों और कला क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
में यह समारोह शास्त्रीय संगीत का एक मनमोहक उत्सव बन गया।
उस्ताद दायम अली कादरी खान साहब अवार्ड के प्रस्तुतकर्ता उस्ताद मंसूर अली कादरी के बारे में बता दें कि उस्ताद मंसूर अली कादरी मशहूर तबला उस्ताद हैं जो उस्ताद दायम अली कादरी खान साहब के पुत्र और शिष्य हैं। फ़िलहाल वह स्वर मंगल अकादमी, मुंबई के हेड फैकल्टी के पद पर कार्यरत हैं, जहां वह
सभी आयु वर्ग के छात्रों को संगीत की तालीम दे रहे हैं।यहां विदुषी मीता पंडित ने अपनी प्रस्तुति से ऑडिएंस का दिल जीत लिया। वहीं उस्ताद सारंगी सुल्तान कमाल साबरी एक प्रसिद्ध भारतीय सारंगी वादक हैं। उस्ताद मंसूर अली कादरी साहब के शिष्य राघव कपूर ने कुछ सूफी कलाम पेश किया। उस्ताद मंसूर अली कादरी साहब की शिष्या मुस्कान मोदी ने अपनी प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध कर दिया।